हलद्वानी में पुलिस की बर्बरता के कारण हजारों लोग पलायन करने को मजबूर, देश में प्रदर्शनकारियों के बीच धर्म के आधार पर भेदभाव दुखद
- प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की अंधाधुंद फायरिंग, एक बर्बरतापूर्ण कृत्य
- प्रशासन का प्रदर्शनकारियों के बीच धर्म के आधार पर भेदभाव दुर्भाग्यपूर्णः- मौलाना अरशद मदनी
नहीं करती। मौलाना मदनी ने कहा कि प्रशासन के पास प्रदर्शन को देखने के दो मापदंड हैं। मुस्लिम अल्पसंख्यक प्रदर्शन करे तो अक्षम्य अपराध है परन्तु यदि बहुसंख्यक लोग प्रदर्शन करें और सड़कों पर उतरकर हिंसक कृत्य करें और पूरी-पूरी रेलगाड़ियां और स्टेशन फूंक डालें तो उन्हें तितरबितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज भी नहीं किया जाता।
हलद्वानी में पुलिस की बर्बरता के कारण हजारों लोग पलायन करने को मजबूर, देश में प्रदर्शनकारियों के बीच धर्म के आधार पर भेदभाव दुखद, प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की अंधाधुंद फायरिंग, एक बर्बरतापूर्ण कृत्य।#HaldwaniRiots
— Arshad Madani (@ArshadMadani007) February 11, 2024
प्रशासन का प्रदर्शन करने वालों के बीच धर्म के आधार पर भेदभाव दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हाल ही में सेना में कॉन्ट्रैक्ट नौकरियों के खिलाफ होने वाला हिंसक प्रदर्शन इसका प्रमाण है। प्रदर्शनकारियों ने जगह-जगह ट्रेनों में आग लगाई, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, पुलिस पर पथराव किया तो वही पुलिस जो मुसलमानों के खिलाफ सभी सीमाएं तोड़ देती है मूक दर्शक बनी रही, इस हिंसक प्रदर्शन को लेकर जो लोग गिरफ्तार किए गए थे उनके खिलाफ ऐसी हल्की धाराएं लगाई थीं कि थाने से ही उनकी ज़मानत हो गई थी, इसके सैकड़ों उदाहरण प्रस्तुत किए जा सकते हैं। हम इसके खिलाफ लम्बे समय से आवाज उठा रहे हैं लेकिन दुर्भाग्य से हर मामले को धार्मिक ऐनक से देखा जाने लगा है।
No comments